Wednesday, 12 August 2015

रखा गया नाम किस प्रकार भविष्य को सवांरने का काम करता है , जानिए कैसे

संतान का नाम आगे जाकर उसके भविष्य की नींव का काम करता है, अत: अपनी संतान का  नाम रखते समय बहुत अधिक सावधानी की आवश्यकता है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बालक बालिका का नाम जन्म नक्षत्र के चरण अनुसार आए हुए अक्षर पर रखने का प्रचलन है। यह अक्षर जन्म पत्री में अंकित रहता है। ज्योतिष के पुराने नियमों पर आज  निरंतर शोध एवं अनुसंधान हो रहा  है। इस विषय में विगत काफी अरसे से मैंने निरन्तर विभिन्न नामों को लेकर अध्यन किया। मेरे   विचार से इस विधि से नाम रखते समय कुछ विचार की आवश्यकता है।  हर समय उक्त नियम को ज्यों का त्यों न अपनाए। इसमें मूल रूप से विचार करने की जो आवश्यकता है वो यह देखने की है वो है जन्म नक्षत्र से सम्बंधित राशि कौनसे भाव में पड़ रही है, यदि जन्म कुंडली में इस नक्षत्र से सम्बंधित राशि वाला भाव तीसरा, छठा, आठवां, बारवां है तो मैं कहूँगा कि किसी अनुभवी ज्योतिषी के पास जाकर नाम का निर्णय करें, अन्यथा आप स्वयंं कम्प्यूटर में  अपने पास स्थित किसी भी अच्छे सॉफ्टवेयर के सहारे कुंडली बनाकर नामाक्षर देखते हुए नाम रख लें, कोई दिक्कत नहीं है। ज्यादा  अच्छे परिणामों के लिए  पाश्चात्य ज्योतिष विधि से आई हुई अंक ज्योतिष प्रणाली  के आधार पर नक्षत्र चरण नामाक्षर से विभिन्न नाम तय करते हुए न्यूमरोलॉजी में बताए गये अक्षरों व् अपनी (जन्म तारीख) मूलांक से उसका समन्वय बैठाएं। मैंने विभिन्न नामों को अंक ज्योतिष के अनुसार बताए गए अक्षरों की वैल्यू के अनुसार जोड़ जोड़ कर पाया कि कीरो द्वारा बताई गए अंग्रेजी अक्षरों की वैल्यू अनुसार जो जोड़ बैठता है जिसके अनुसार जो परिणाम आज जिन व्यक्तियों पर सफल एवं असफल बता रहे हैं वो प्रायःकर उसी अनुसार बता रहे हैं जैसा कीरो ने लिखा।
इस सम्बन्ध में और अधिक जानकारी के लिए यू ट्यूब पर लिंक से देखे  https://youtu.be/8vXfdpj4oqM
ज्योतिर्विद महावीर कुमार सोनी
09782560245 

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